सवाल (15) क्या सीरिया के पडौ़सी देश इस संकट को नही रोक सकते?

सवाल (15) क्या सीरिया के पडौ़सी देश इस संकट को नही रोक सकते? 
जवाब : सिर्फ तुर्की और मिस्र इतनी फौज रखती हैं कि वो बहुत कम समय में असद हुकूमत को हटा सकती हैं। मगर दर हक़ीक़त वोह सिर्फ तमाशाई बनें हुए हैं और अपनी फौज को इस नेक काम के लिए हिलाना भी नही चाहते। जहॉ तक बशर उल असद की बात हैं तो उसके पास ईरान के रिपब्‍लकन गार्ड और फोर्थ आरमर्ड डिविज़न हैं। इन सबके बाद उसकी फौज का बहुत बडा़ हिस्‍सा सुन्‍नी मुसलमानों का हैं, जिन पर वो भरोसा नही करता।

अगर मिस्र या तुर्की इसमें मुदाखिलत (हस्तक्षेप) करें और अपनी फौज भेजें तो बाग़ीयों का सामना 20 या 80 हज़ार लोगों से ही होगा क्‍योंकि बशर उल असद के साथ नही होने की वजह से फौज में मौजूद सुन्‍नीयों की बहुत बड़ी अक्‍सीरियत उनसें नही लड़ेगी। तुर्की सीरिया के साथ अपनी  सरहद साझा करता हैं। वो चाहें तो बागियों को सप्‍लाई लाईन और सभी ज़रूरी साधन मुहैया करा सकता हैं। तुर्की की फौज कि तादाद असद हुकूमत खत्‍म करनें के लिए काफी हैं।

इसके अलावा तुर्की Armoured Personnel Carriers (APC)  यानी असलहाबन फौज को उडा कर ले जाने वाले हवाई जहाज़' , टेंक्स और दूसरे हथियार खुद ही बनाता हैं जबकि सीरिया ज्‍़यादातर बाहरी सप्‍लाई पर निर्भर करता हैं।

अगर हवाई हमलों के साथ उस पर ज़मीन से हमला किया जाए तो सीरिया की एस.ए.एम. बेट्रीज को असक्रिय किया जा सकता हैं। इस तरीके से सीरिया के जितनें भी मिसाईल रक्षा प्रणाली हैं उसको खत्‍म कर सकते हैं।
इसके साथ-साथ तुर्की के पास 800 कॉम्‍बेट ऐयरक्राफ्ट (जंगी जहाज) हैं, जिसमें 350 एफ-50 फेल्कोन हैं, जो 9-जी जितने सक्षम हैं और 9-Mach  से ज़्यादा तेज़ हैं जबकि असद के पास 1960 के MiGs हैं जिसकी तुर्की के हथियारों के सामने कोई खास हैंसियत नही हैं।
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